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हिन्दी – अ ( कोड-002 )
निर्धारित समय 3 घंटे पूर्णांक 80
सामान्य निर्देश-
1. इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं- खंड ‘क’ और ‘ख’ । खंड-क में वस्तुपरक / बहुविकल्पी और खंड – ख में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
4. खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं। जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खंड-क (बहुविकल्पी / वस्तुपरक प्रश्न)
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए –
पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। मनुष्य एक पल भी इसके बगैर नहीं रह सकता। भारत के ऋषि-मुनि जानते थे कि प्रकृति जीवन का स्रोत है और पर्यावरण के समृद्ध और स्वस्थ होने से ही हमारा जीवन भी समृद्ध और सुखी होता है। वे प्रकृति की दैवी शक्ति के रूप में उपासना करते थे ओर उसे ‘परमेश्वरी भी कहते थे। उन्होंने पर्यावरण पर बहुत गहरा चिंतन किया। जो कुछ पर्यावरण के लिए हानिकारक था, उसे आसुरी प्रवृत्ति कहा और जो हितकर था उसे दैवी प्रवृत्ति माना ।
भारत के पुराने ग्रंथों में वृक्षों और वनों का चित्रण पृथ्वी के रक्षक वस्त्रों के रूप में किया गया है। उनको संतान की तरह पाला जाता था और हरे-भरे पेड़ों को अपने किसी स्वार्थ के लिए काटना पाप कहा जाता था। अनावश्यक रूप से पेड़ों को काटने पर दंड का विधान भी था।
मनुष्य यह समझता है कि समस्त प्राकृतिक संपदा पर केवल उसी का आधिपत्य है। हम जैसा चाहें इसका उपभोग करें। इसी भोगवादी प्रवृत्ति के कारण मानव ने इसका इस हद तक शोषण कर लिया है कि अब उसका अस्तित्व ही संकट में पड़ गया है। वैज्ञानिक बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करो, अन्यथा मानव जाति नहीं बच पाएगी। भारतीय संस्कृति में वृक्षों की रक्षा के महत्त्व को ‘तुलसी’ और ‘पीपल के उदाहरण से समझा जा सकता है। इन जीवनोपयोगी वृक्षों की देवी – देवता के समान ही पूजा की जाती है।
पर्यावरण की दृष्टि से वृक्ष को परम रक्षक और मित्र बताया गया है। यह हमें अमृत प्रदान करता है, दूषित वायु को स्वयं ग्रहण करके हमें प्राणवायु देता है, मरुस्थल का नियंत्रक होता है, नदियों की बाढ़ को रोकता है और जलवायु को स्वच्छ बनाता है इसलिए हमें वृक्षमित्र होकर जीवनयापन करना चाहिए।
(1) भारत के ऋषि-मुनि जानते थे कि प्रकृति जीवन का स्रोत है क्योंकि-
कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए-
कथन
(i) पर्यावरण के समृद्ध होने से जीवन सुखी होगा ।
(ii) पर्यावरण में जीवन को स्वस्थ रखने की शक्ति निहित है।
(iii) ऋषि-मुनि प्रकृति को आधुनिक बनाना चाहते थे ।
(iv) शहर बसाने के लिए जंगल हटाने होंगे।
विकल्प
(क) कथन (i) सही है।
(ख) कथन (i) व (ii) सही हैं।
(ग) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(घ) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
View AnswerAns. (ख) कथन (i) व (ii) सही हैं।
(2) गद्यांश में ‘आसुरी प्रवृत्ति का क्या आशय है?
(क) राक्षसी प्रवृत्ति
(ख) मानवता की विनाशक प्रवृत्ति
(ग) पर्यावरण के लिए अहितकर प्रवृत्ति
(घ) हानिकारक प्रवृत्ति
View AnswerAns. (ग) पर्यावरण के लिए अहितकर प्रवृत्ति
(3) पर्यावरण प्रदूषण का क्या कारण है?
(क) मनुष्य प्रकृति पर अपना एकाधिकार मानता है
(ख) वह प्रकृति के दोहन का प्रयास करता है।
(ग) वह जीवन की सुखमयता के लिए स्वार्थी हो जाता है।
(घ) वह प्रकृति के संरक्षण का प्रयास नहीं करता
View AnswerAns. (क) मनुष्य प्रकृति पर अपना एकाधिकार मानता है
(4) वृक्ष को सच्चा मित्र मानने का कारण नहीं है-
(क) छाया और फल देना
(ख) पर्यावरण को शुद्ध रखना
(ग) दूषित वायु को हटाकर प्राणवायु देना
(घ) मनुष्य को पवित्रता प्रदान करना
View AnswerAns. (घ) मनुष्य को पवित्रता प्रदान करना
(5) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) जो कुछ पर्यावरण के लिए हानिकारक था, उसे आसुरी प्रवृत्ति कहा।
कारण (R) ऋषि-मुनि प्रकृति की दैवी शक्ति के रूप में उपासना करते हैं।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
View AnswerAns. (घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
2. निम्नलिखित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
जनता? हाँ, मिट्टी की अबोध मूरतें वही,
जाड़े पाले की कसक सदा सहने वाली,
जब अंग-अंग में लगे साँप हों चूस रहे,
तब भी न कभी मुँह खोल दर्द कहने वाली ।
मानो, जनता हो फूल जिसे एहसास नहीं,
जब चाहो तभी उतार सजा लो दोनों में;
अथवा कोई दुधमुँही जिसे बहलाने के
जंतर-मंतर सीमित हों चार खिलौनों में।
लेकिन, होता भूडोल, बवंडर उठते हैं,
जनता जब कोपाकुल हो भृकुटि चढ़ाती हैं;
दो राह, समय के रथ का घर्घर – नाद सुनो,
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।
हुंकारों से महलों की नींव उखड़ जाती,
साँसों के बल से ताज हवा में उड़ता है;
जनता की रोके राह, समय में ताब कहाँ?
वह जिधर चाहती, काल उधर ही मुड़ता है।
सबसे विराट जनतंत्र जगत का आ पहुँचा,
तैंतीस कोटि-हित सिंहासन तैयार करो;
अभिषेक आज राजा का नहीं, प्रजा का है,
तैंतीस कोटि जनता के सिर पर मुकुट धरो ।
आरती लिए तू किसे ढूँढ़ता है मूरख,
मंदिरों, राजप्रासादों में, तहखानों में?
देवता कहीं सड़कों पर गिट्टी तोड़ रहे,
देवता मिलेंगे खेतों में खलिहानों में।
(1) कवि ने ‘दुधमुँही’ किसे कहा है?
(क) छोटी बच्ची को
(ख) दूध देने वाली गाय को
(ग) दूध पीने वाली बछिया को
(घ) भारतीय जनता को
View AnswerAns. (घ) भारतीय जनता को
(2) जनता के क्रोध का क्या परिणाम होता है?
(क) भ्रांति
(ख) शांति
(ग) क्रांति
(घ) अशांति
View AnswerAns. (ग) क्रांति
(3) भारतीय जनता की सहनशीलता की विशेषता है कि-
कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए-
कथन
(i) भारतीय जनता एक सीमा तक अत्याचार सहती है।
(ii) वह हाथ जोड़े हर आज्ञा मानती है।
(iii) वह मिट्टी की मूरत बनी रहती है।
(iv) वह भूखी-प्यासी पड़ी रहती है।
विकल्प
(क) कथन (i) व (ii) सही हैं।
(ख) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(ग) कथन (i) व (iii) सही हैं।
(घ) कथन (ii) व (iv) सही हैं।
View AnswerAns. (ग) कथन (i) व (iii) सही हैं।
(4) कवि किसके लिए सिंहासन खाली करने की बात करता है?
(क) अपने लिए
(ख) राजा के लिए
(ग) जनता के लिए
(घ) युवराज के लिए
View AnswerAns. (ग) जनता के लिए
(5) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) जनता के लिए सिंहासन खाली कर देना चाहिए ।
कारण (R) जनता को रोकने की ताकत समय में भी नहीं है।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
View AnswerAns. (ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
3. निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) निम्न में से मिश्र वाक्य का चयन कीजिए-
(क) मैं हर जगह तुम्हारा पीछा करूँगा
(ख) मैं हर जगह तुम्हारा पीछा नहीं करूँगा
(ग) तुम जहाँ जाओगे मैं तुम्हारा पीछा करूँगा
(घ) क्या मैं हर जगह तुम्हारा पीछा करूँगा
View AnswerAns. (ग) तुम जहाँ जाओगे मैं तुम्हारा पीछा करूँगा
(2) “उसने ऐसा काम करके बदनामी कमाई ।” इस सरल वाक्य को संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए-
(क) उसने ऐसा काम करते ही बदनामी कमाई
(ख) उसे ऐसा काम करने पर बदनामी कमाई
(ग) उसने ऐसा काम किया और बदनामी कमाई
(घ) बदनामी कमाने पर ऐसा काम किया
View AnswerAns. (ग) उसने ऐसा काम किया और बदनामी कमाई
(3) “उसने कहा कि चले जाओ अन्यथा इतना पीहूँगा कि नानी याद आ जाएगी।” रचना के आधार पर वाक्य भेद है-
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्र वाक्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
View AnswerAns. (ग) मिश्र वाक्य
(4) निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए-
कथन
(i) तुम घर गए और मैं भी चला गया
(ii) जब मै घर से निकला तब वर्षा हो रही थी
(iii) वह गरीब है मगर बहुत ईमानदार है।
(iv) वह भोजन करके विलय जाता है।
विकल्प
(क) केवल कथन (i) सही है
(ख) कथन (i) व (ii) सही हैं
(ग) कथन (i) व (iii) सही हैं
(घ) कथन (i), (ii) व (iii) सही हैं
View AnswerAns. (ग) कथन (i) व (iii) सही हैं
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(क) 1-iii, 2-i, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
(ग) 1-ii, 2-i, 3-iii
(घ) 1-iii, 2-ii, 3-i
View AnswerAns. (ग) 1-ii, 2-i, 3-iii
4. निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
विकल्प
(क) 1-iii, 2-1, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
(ग) 1-ii, 2-1, 3-iii
(घ) 1-iii, 2-ii, 3-i
View AnswerAns. (ग) 1-ii, 2-1, 3-iii
(2) निम्नलिखित वाक्यों में भाव वाच्य का उदाहरण है-
कथन
(i) रमेश के द्वारा नहाया गया।
(ii) मैंने पत्र लिखा।
(iii) पक्षी द्वारा आकाश में उड़ा जाता है।
(iv) करीम द्वारा पतंग उड़ाई जा रही है।
विकल्प
(क) केवल (i) सही है
(ख) (i) व (ii) सही हैं
(ग) (i) व (iii) सही हैं
(घ) (i), (ii) व (iii) सही हैं
View AnswerAns. (ग) (i) व (iii) सही हैं
(3) निम्नलिखित वाक्य का वाच्य बताइए-
गाँधी जी ने विश्व को शांति का संदेश दिया ।
(क) कर्तृवाच्य
(ख) कर्मवाच्य
(ग) भाववाच्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
View AnswerAns. (क) कर्तृवाच्य
(4) मज़दूर मकान बनाता है। इस वाक्य का कर्मवाच्य होगा-
(क) मज़दूर द्वारा मकान बनाया जाता है ।
(ख) मज़दूर से मकान बनता है।
(ग) मकान मज़दूर बनाता है।
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
View AnswerAns. (क) मज़दूर द्वारा मकान बनाया जाता है ।
(5) मैं यह बोझ नहीं उठा सकता। इस वाक्य का भाववाच्य होगा।
(क) बोझ मैं नहीं उठा सकता।
(ख) मुझसे यह बोझ नहीं उठाया जाता।
(ग) मैं बोझ उठा सकता हूँ।
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
View AnswerAns. (ख) मुझसे यह बोझ नहीं उठाया जाता।
5. निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) मज़दूर फावड़े से जमीन खोदता है। रेखांकित पद का सही पद-परिचय है-
(क) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, करण कारक
(ख) वस्तुवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग
(ग) जातिवचाक संज्ञा, बहुवचन, स्त्रीलिंग
(घ) अन्य वाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग
View AnswerAns. (क) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, करण कारक
(2) निम्नलिखित वाक्य के रेखांकित पद का सही पद-परिचय है-
रचना दसवीं में पढ़ती है।
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक ।
(ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा, बहुवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक ।
(ग) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक ।
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्म कारक ।
View AnswerAns. (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक ।
(3) हमें अपने देश पर नाज है। इस वाक्य में रेखांकित पद का सही पद परिचय होगा-
(क) पुरुषवाचक सर्वनाम, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक
(ख) मध्यम पुरुष, सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, कर्मकारक
(ग) पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक
(घ) उत्तम पुरुष, सर्वनाम, बहुवचन, स्त्रीलिंग, कर्मकारक
View AnswerAns. (क) पुरुषवाचक सर्वनाम, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक
(4) मीरा पत्र लिख रही है। इस वाक्य में रेखांकित पद का सही पद परिचय होगा-
(क) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमान काल
(ख) अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमान काल
(ग) सकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमान काल
(घ) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमान काल
View AnswerAns. (ग) सकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमान काल
(5) मिल्खा सिंह जीतने के लिए तेज दौड़ा। इस वाक्य में रेखांकित पद का सही पद परिचय होगा-
(क) गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, (दौड़ना’ क्रिया की विशेषता)
(ख) गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, (दौड़ना क्रिया की विशेषता)
(ग) परिमाणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन
(घ) परिमाणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन
View AnswerAns. (क) गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, (दौड़ना’ क्रिया की विशेषता)
6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) विपुल धन अनेकों रत्न हो साथ लाए।
प्रियतम बता दो लाल मेरा कहाँ है ।।
इन पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिश्योक्ति
View AnswerAns. (क) श्लेष
(2) उस काल मारे क्रोध के तनु काँपने उसका लगा।
मानो हवा के जोर से, सोता हुआ सागर जगा ।।
इन पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिश्योक्ति
View AnswerAns. (ख) उत्प्रेक्षा
(3) लो हरित धरा से झांक रही ।
नीलम की कली, तीसी नीली।।
इन पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिश्योक्ति
View AnswerAns. (ग) मानवीकरण
(4) जोजन भर तेहि बदनु पसारा,
कपि तनु कीन्ह दुगुन बिस्तारा ।।
इन पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिश्योक्ति
View AnswerAns. (घ) अतिश्योक्ति
(5) जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ।
लीलेहु ताहि मधुर फल जानू ।।
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिश्योक्ति
View AnswerAns. (घ) अतिश्योक्ति
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
पानवाले के लिए यह एक मज़ेदार बात थी लेकिन हालदार साहब के लिए चकित और द्रवित करने वाली। यानी वह ठीक ही सोच रहे थे। मूर्ति के नीचे लिखा मूर्तिकार मास्टर मोतीलाल वाकई कस्बे का अध्यापक था। बेचारे ने महीनेभर में मूर्ति बनाकर पटक देने का वादा कर दिया होगा। बना भी ली होगी लेकिन पत्थर में पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए- काँचवाला यह तय नहीं कर पाया होगा या कोशिश की होगी और असफल रहा होगा। या बनाते-बनाते कुछ और बारीकी के चक्कर में चश्मा टूट गया होगा या पत्थर का चश्मा अलग से बनाकर फिट किया होगा और वह निकल गया होगा ।
(1) पानवाले की बात सुनकर हालदार साहब क्या हो गए-
(क) द्रवित और चकित
(ख) क्रोधित और द्रवित
(ग) चकित और क्रोधित
(घ) क्रोधित और बेकाबू
View AnswerAns. (क) द्रवित और चकित
(2) मूर्तिकार का क्या नाम था-
(क) हालदार
(ग) मोतीलाल
(ख) नेताजी
(घ) कैप्टन
View AnswerAns. (ग) मोतीलाल
(3) पानवाले ने किस अंदाज में मूर्ति के चश्मे के बारे में बात बताई-
(क) मजाक
(ख) द्रवित
(ग) रोने
(घ) क्रोधित
View AnswerAns. (क) मजाक
(4) हालदार साहब के अनुमानुसार मूर्तिकार ने कितने समय में मूर्ति बनाई-
(क) 6 महीने में
(ख) 3 महीने में
(ग) 1 महीने में
(घ) सालभर में
View AnswerAns. (ग) 1 महीने में
(5) पानवाले के लिए क्या मजेदार बात थी-
(क) हालदार साहब का चश्मा
(ख) चश्मा बनाना भूलना
(ग) मूर्ति का चश्मा
(घ) उपर्युक्त सभी
View AnswerAns. (ख) चश्मा बनाना भूलना
8. ‘क्षितिज’ के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) बालगोबिन के गीतों को सुनकर वहाँ उपस्थित सभी लोग क्या करते थे?
(क) झूम उठते थे
(ख) साथ में गाने लगते थे
(ग) उठकर चले जाते थे
(घ) इनमें से कोई नहीं
View AnswerAns. (क) झूम उठते थे
(2) ‘संस्कृति’ पाठ में ‘मनीषी’ किसे कहा गया है?
(क) वैज्ञानिक को
(ख) चिंतनशील को
(ग) आविष्कारक को
(घ) लेखक को
View AnswerAns. (ख) चिंतनशील को
9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- हमारे हरि हारिल की लकरी ।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी ।
जागत सोवत स्वप्न दिवस निसि कान्ह कान्ह जक री।
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यों करुई ककरी ।
सुतौ ब्याधि हमक ले आए, देखी सुनी न करी ।
यह तौ हलं तिनहिं लै सौंपो, जिनके मन चकरी ।।
(1) गोपियों ने योग के संदेश की तुलना किससे नहीं की-
(क) अनदेखी बीमारी से
(ख) कड़वी ककड़ी से
(ग) हारिल पक्षी से
(घ) उपरोक्त सभी से
View AnswerAns. (ग) हारिल पक्षी से
(2) योग का उपदेश किन लोगों के लिए उपयोगी है-
(क) स्थिर चित्त वाले लोगों के लिए
(ख) अस्थिर चित्त वाले लोगों के लिए
(ग) उद्धव के लिए
(घ) कृष्ण के लिए
View AnswerAns. (ख) अस्थिर चित्त वाले लोगों के लिए
(3) मन क्रम वचन ____________ कान्ह – कान्ह जरूरी अंश द्वारा क्या अभिव्यक्ति हुई है-
(क) कृष्ण के प्रति अटूट प्रेम की
(ख) गोपियों के प्रति अटूट प्रेम की
(ग) ईश्वर के प्रति अटूट प्रेम की
(घ) उद्धव के प्रति अटूट प्रेम की
View AnswerAns. (क) कृष्ण के प्रति अटूट प्रेम की
(4) तिनहीं ले सौंपो में तिनहि किन लोगों के लिए प्रयुक्त हुआ है-
(क) चंचल पशुओं के लिए
(ख) चंचल कृष्ण के लिए
(ग) चंचल मन वाली गोपियों के लिए
(घ) चंचल मन वाले लोगो के लिए
View AnswerAns. (घ) चंचल मन वाले लोगो के लिए
(5) गोपियों के प्रेम की कौनसी विशेषता प्रस्तुत पद में उजागर नहीं हुई है-
(क) एकनिष्ठता
(ख) प्रगाढ़ता
(ग) समर्पण
(घ) चंचलता
View AnswerAns. (घ) चंचलता
10. पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) मैथिली समाज में नागार्जुन को आदर क्यों नहीं मिला?
(क) वे समुद्र यात्रा कर आए थे
(ख) वे संन्यास भ्रष्ट थे
(ग) उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था
(घ) उपर्युक्त सभी कारण सत्य हैं
View AnswerAns. (घ) उपर्युक्त सभी कारण सत्य हैं
(2) तारसप्तक में गाने के कारण कवि को कैसा अनुभव होता है?
(क) बहुत खुशी होती है।
(ख) थक जाता है।
(ग) उत्साह से भर जाता है
(घ) गाने की इच्छा समाप्त हो जाती है।
View Answer(घ) गाने की इच्छा समाप्त हो जाती है।
खंड-ख (वर्णनात्मक प्रश्न)
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए –
(1) लेखक ने खीरे की फाँकों के कारण नवाब साहब के जबड़ों को स्फुरित होते देखकर क्या सोचा?
View AnswerAns. लेखक ने खीरे की फाँकों के कारण नवाब साहब के जबड़ों को स्फुरित होते देखकर यह सोचा कि उनका मुख खीरे के रसास्वादन की कल्पना से भर गया है।
(2) लेखिका और उनके साथियों के कारण प्रिंसिपल के लिए बड़ी मुश्किल क्या थी?
View AnswerAns. लेखिका और उनके साथियों के कारण प्रिंसिपल की मुश्किल यह थी कि प्रिंसिपल किसी तरह डरा-धमकाकर डाँट-डपटकर लड़कियों को कक्षाओं में भेजती हैं पर मन्नू के एक इशारे पर वे बाहर आ जाती हैं और मैदान में एकत्र होकर नारे लगाने लगती हैं। इससे कॉलेज चलाना कठिन हो गया था।
(3) अलीबख्श के घराने का खानदानी पेशा क्या था? मंदिरों में कौन-से राग प्रायः गाए जाते थे ?
View AnswerAns. अलीबख्श उस समय देश के प्रसिद्ध शहनाईवादक थे जिनके घराने का खानदानी पेशा शहनाई बजाना था। उस समय मंदिरों में प्रायः गाए जाने वाले राग थे मलतानी, कल्याण, ललित, भैरव आदि ।
(4) रात के तारों को देखकर न सो सकने वाले मनीषी को प्रथम पुरस्कर्ता क्यों कहा गया हैं? ‘संस्कृति’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए ।
View AnswerAns. रात के तारों को देखकर न सो सकने वाले मनीषी को लेखक ने प्रथम पुरस्कर्ता इसलिए कहा है क्योंकि उसका पेट भरा और तन ढँका होने के बाद भी उसे यह सोचकर नींद नहीं आती थी कि ये मोती भरा थाल क्या हैं? उसने किसी भौतिक प्रेरणा के वशीभूत होकर नहीं बल्कि अतः प्रेरणा अपनी सहज संस्कृति के कारण ही आकाश के तारों का तथ्य प्राप्त किया।
12. निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
(1) ‘गोधिसू नु’ किसे कहा गया है? वे मुनि की किस बात पर मन-ही-मन मुस्कुरा रहे थें?
View AnswerAns. गाधिस नु विश्वामित्र को कहा गया है अर्थात् गाधिसु के पुत्र वे परशुराम की अहंकार भरी बातों को सुनकर मंद-मंद मुस्करा रहे थे। वे यह बात समझते थे कि परशुराम राम-लक्ष्मण को साधारण राजकुमार समझ कर अपनी वीरता की कहानी सुना रहे हैं। उन्हें पता नहीं कि इन दोनों को आसानी से हटाया नहीं जा सकता।
(2) कवि अपनी सरलता की हँसी उड़ाने से क्यों बचता है? सरलता की हँसी उड़ाने की जरूरत क्यों हुई ?
View AnswerAns. कवि अपनी सरलता की हँसी उड़ाने से बचना चाहते हैं। सरलता की हँसी उड़ाने की जरूरत इसलिए पड़ी कि कवि से उनकी आत्मकथा लिखने का आग्रह किया गया। कवि को लगता है कि अमर उन्होनें आत्मकथा लिखी तो उन्हें अपनी भूलें भी गिनवानी होंगी और दोस्तों के छल-कपट की कहानियाँ भी लिखनी पड़ेगी, जिसे पढ़कर लोग उनकी सरलता का उपहास उड़ाएंगे।
(3) तपते मौसम में बादलों के आगमन का स्वरूप तथा दिशा का उल्लेख ‘उत्साह’ के आधार पर कीजिए ।
View AnswerAns. ‘उत्साह‘ कविता में बादलों का आगमन अज्ञात दिशा से वर्णित हुआ है।
ये बादल भयानक जलधाराओं से पूर्ण होने के साथ-साथ बहुत सुंदर, काले और घुंघराले बालों जैसे हैं। इनके हृदय में बिजली का सौंदर्य है जो वज्र का काम भी करता है।
(4) संगतकार अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से अधिक ऊँचा क्यों नहीं उठाता?
View AnswerAns. संगतकार कभी भी अपनी आवाज को मुख्य गायक से ऊँचा नहीं उठाना चाहता क्योंकि उसका धर्म- मुख्य गायक को स्थापित करना; उसकी आवाज और प्रभाव को बल देना सरगम के भटकने पर अपनी श्रेष्ठता या महत्त्व नहीं दिखाता। इसलिए वह भरसक अपना त्याग करता है, बुलंदी को रोकता है।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए-
(1) ‘माता का अँचल’ पाठ में निहित जीवन मूल्यों की चर्चा कीजिए ।
View AnswerAns. ‘माता का अंचल’ पाठ में माँ के स्नेह और वात्सल्यपूर्ण प्रवृत्ति का चित्रण किया गया है जिसके आँचल में छिपकर बच्चा अपने आपको सुरक्षित महसूस करता है पाठ में बालक भोलानाथ विपदा आने पर माँ के आँचल में आकर ही उसकी शरण लेता है। पाठ में ग्राम्य जीवन और ग्रामीण संस्कृति का चित्रण देखने को मिलता है। यहाँ बच्चे परस्पर मिल-जुलकर खेलते हैं। इस पाठ में प्रकृति से निकटता बनाए रखने, जीव-जंतु और पक्षियों के प्रति सदय बनाने, नदियों को स्वच्छ रखने, मिल-जुलकर काम करने, बड़ो का आदर-सम्मान करने जैसे जीवन- मूल्य उभरकर आए हैं। हमें इन जीवन मूल्यों को अपनाना चाहिए।
(2) पहाड़ी बच्चों और महानगरीय बच्चों की जीवन-शैली में आपको क्या भिन्नता दिखाई देती है? ‘साना-साना हाथ जोड़ि पाठ के आधार पर लिखिए |
View AnswerAns. पहाड़ी बच्चों और महानगरीय बच्चों की जीवन शैली में मुझे अनेक भिन्नताएँ दिखाई देती है। पहाड़ी बच्चों का जीवन अत्यंत श्रमसाध्य होता है। अधिक श्रम के कारण वे स्वस्थ तो होते हैं पर मोटे नहीं हो पाते हैं। इनके स्कूल पहाड़ियों के बीच दूर-दराज क्षेत्र में होते हैं जहाँ ऊँची- नीची चढ़ाई करके अपना बस्ता लादे इन्हें जाना होता है। ये बच्चे शाम को वापस आते समय लकड़ियाँ या अन्य सामान लेकर अपनी माँओं के साथ लौटते हैं। इसके विपरीत शहर के बच्चों का जीवन सुखमय होता है। वे बस या गाड़ियों में स्कूल जाते हैं और शाम को टी. वी. देखते या कंप्यूटर पर गेम खेलकर अपना समय बिताते हैं। ये बच्चे देखने मैं मोटे लगते हैं।
(3) लेखक ने अपने आप को हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?
View AnswerAns. लेखक को जब जापान जाने का अवसर मिला तो उन्होंने वह अस्पताल भी देखा जहाँ रेडियम पदार्थ से पीड़ित लोग आज तक कष्ट पा रहे हैं। हिरोशिमा की घटनाओं का प्रत्यक्ष दर्शन करके भी वे उस विस्फोट का भोक्ता नहीं बन पाए। उन्हें कुछ लिखने की प्रेरणा नहीं मिली। एक दिन जापान भ्रमण के दौरान सड़क पर एक चट्टान पर पिघले हुए मानव की छाया को देखा। उस पत्थर पर एक मानव की छाया बनी हुई थी। शायद जब परमाणु विस्फोट के पास कोई मानव चट्टान के पास खड़ा होगा। रेडियो धर्मी किरणों ने उस आदमी को भाप की तरह उड़ाकर उसकी छाया पत्थर पर डाल दी थी। इसे देखते ही लेखक के मन ने कुछ लिखने की अनुभूति जग गई। उसके मन में एक सूर्य-सा उगा और डूब गया। इसी क्षण वह हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता बन गया।
14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए-
(1) कोरोना वायरस
संकेत बिन्दु :
• कोरोना वायरस का संक्रमण
• लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव
• बचाव के उपाय
View AnswerAns. (1) कोरोना वायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस अर्थात् COVID-19 को एक महामारी घोषित किया हैं। इस महामारी की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई लेकिन धीरे-धीरे यह महामारी दुनिया के प्रत्येक देश में फैल गई। यह वायरस बेहद जानलेवा हैं और इसका संक्रमण एक इंसान से दूसरे इंसान में बहुत तेजी से होता है। इसके संक्रमण के शुरुआत में जुकाम, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या होती है। यह वायरस इंसान के फेफड़ों में सीधा असर करता है। इस बीमारी के संक्रमण से लाखों लोग अब तक अपनी जान गँवा बैठे हैं और लाखों लोग अभी भी संक्रमित हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए कुछ समय के लिए कई देशों में लॉकडाउन किया गया जिसके कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले। सबसे बड़ा सकारात्मक प्रभाव तो यह रहा कि लोग अपने घरों में रहने के कारण व सामाजिक दूरी बनाने के कारण इस बीमारी की चपेट में आने से बचे रहें दूसरा सभी वाहनों, कल कारखानों, उद्योग धंधों, ऑफिस व स्कूलों के बंद होने से प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई। प्रकृति को भी अपने आप को एक बार शुद्ध, साफ व स्वस्थ होने का मौका मिला। लोगों ने अपने घर परिवार व अपने |
परिजनों के साथ खूब समय बिताया और सबसे अच्छी बात यह रही कि ओजोन परत के स्वास्थ्य में भी सुधार देखने को मिला। कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ देशों ने वैक्सीन बना ली है और लोगों का टीकाकरण बहुत तेजी से किया जा रहा है, परंतु जब तक शत-प्रतिशत टीकाकरण नहीं हो जाता, सावधानी व सामाजिक दूरी ही इसका एकमात्र बचाव है। इसीलिए हमें लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए भीड़भाड़ वाले इलाकों, सामाजिक समारोह या कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखनी चाहिए और साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।
(2) संघर्ष की परिणति विजय
संकेत बिन्दु :
• संघर्षशील जीवन
• चुनौती और संघर्ष
• विजय की खुशी
View AnswerAns. (2) संघर्ष की परिणति विजय
संघर्ष का दूसरा नाम ही जीवन है ये एक प्रकार से पर्यायवाची है और एक-दूसरे के पूरक भी जीना तो उसी का है, जिसने जीवन के सूत्र को समझ लिया, भयंकर से भयंकर और विपरीत स्थिति पर विजय पाने का एक ही रास्ता है पूरे आत्मविश्वास के साथ बाधा – विरोधों से जूझ जाना, संघर्ष करना, जो संघर्ष से बचकर चले, वह कायर है संसार रूपी सागर की ऊँची-उफनती 1 लहरों को जिसने चुनौती देना सीख लिया है, सफलता की अनुपम-मणियाँ उसी ने बटोरी हैं जो डर कर किनारे बैठ गया, वह तो जीवन का दाव ही हार गया। कबीर ने इसी भाव को इस तरह व्यक्त किया है— जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ ।’ यह गहरे पानी पैठकर खोजना क्या है? यही संघर्ष अथवा चुनौती को स्वीकारना है, कर्म की आँच में तपना है। यही गीता का भी अमर संदेश है कि कर्म करना ही मनुष्य का अधिकार है और धर्म भी जीवन पथ पर सफलता मिले या विफलता, 1 संघर्ष करने का संकल्प शिथिल नहीं पड़ना चाहिए। जिसमें अपने उसूलों पर अटल रहने की दृढ़ता है, जिसका संकल्प सच्चा है, वही जीवन के संघर्ष में विजयी होता है। जीवन में विपत्तियाँ सभी को सहनी पड़ती है। जीवन में भले ही कितने संकट आए. परंतु जो व्यक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं होता, जो कष्टों का साहस से सामना करता है, जो यह मानता है कि कर्म ही जीवन है और यह मानकर सदा कर्म, प्रयत्न, परिश्रम में लगा रहता है, वस्तुतः वही मनुष्य जीवन में विजय (सफलता) प्राप्त करता है। इस विजय की खुशी किसी भी खुशी से बढ़कर होती है।
(3) याद आता है विद्यालय का प्रांगण
संकेत बिन्दु :
• विद्यालय की मस्ती
• मित्रों का साथ
• कक्षा की पढ़ाई
View AnswerAns. (3) याद आता है विद्यालय का प्रांगण
विद्यालय की यादें हर किसी को याद रहती हैं। विद्यालय के मित्र, विद्यालय के अध्यापक, विद्यालय की क्लास एवं प्यारा सा सुंदर विद्यालय सच में बहुत ही याद आता है। मैं विद्यालय सुबह-सुबह जाने के लिए जल्दी तैयार हो जाता था। सिर्फ यह सोचकर कि मेरे मित्र विद्यालय में मुझे मिलेंगे। मैं उनके साथ बातें करूँगा, खेलूँगा, साथ में पढ़ाई करूँगा। यही सोच मुझे काफी खुश कर देती थी। विद्यालय में पढ़ाई करना भी मुझे पसंद था। मेरे सभी अध्यापक मुझे बहुत पसंद करते थे। मैं विद्यालय की अपनी क्लास का मॉनिटर था मेरे विद्यालय की क्लास के 1 सभी साथी मेरा बहुत सम्मान करते थे। अक्सर जब मेरे मित्रों को कुछ समझ नहीं आता था तो वे खाली समय में मुझसे ही अपनी समस्याओं का समाधान लेते थे। विद्यालय के दिनों में हम कई बार रविवार के दिनों में बाहर घूमने को भी जाते थे। हम विद्यालय के लंच के समय में बहुत ही खुश रहते थे। हमारे विद्यालय में बने पार्क में हम सभी मित्र आपस में बातचीत करते रहते थे। हम परिवार के सदस्यों के समान ही मिलजुल कर खाना खाते थे और काफी खुश रहते थे। जब भी विद्यालय की घंटी बजती थी तो हम अपनी अपनी क्लास में आ जाते थे। हम सब विद्यालय में काफी खुश रहते थे और सोचते थे कि काश विद्यालय के दिन कभी खत्म ना हो लेकिन एक समय ऐसा आया जब विद्यालय को आखिरकार अलविदा कहना पड़ा। आज मैं भले ही कॉलेज में पढ़ता हूँ लेकिन अक्सर वो विद्यालय का प्रांगण याद आता है।
15. आप सचिन मेहरा/स्वाति आहुजा हैं। एक दैनिक समाचार पत्र दैनिक जागरण के संपादक को अपनी कविता प्रकाशित करवाने का अनुरोध करते हुए 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए ।
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सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण
दिल्ली।
दिनांक 13 जून, 20xx:
विषय : कविता प्रकाशित करवाने हेतु अनुरोध ।
महोदय,
आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से मैं अपनी कविता ‘बचपन‘ प्रकाशित करवाना चाहता हूँ। यह कविता मेरे बचपन से जुड़ी खट्टी-मीठी यादों पर आधारित है। इस कविता के द्वारा मैं लोगों को यह बताना चाहता हूँ कि बच्चों को बात-बात पर सजा न दें, उन्हें प्यार से समझाने की कोशिश करें। क्योंकि मारपीट से बच्चे दब्बू और भीरू बनते हैं उन्हें जीवन में सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
मैं अपनी कविता के कुछ अंश इस पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आप इसका विश्लेषण करने के बाद इस कविता को प्रकाशित करने का विचार करेंगे।
धन्यवाद ।
भवदीय
सचिन मेहरा
15-सी, शुभम अपार्टमेंट
राजपुर रोड़, दिल्ली
संलग्न: कविता
अथवा
आप मनीष सिंह / अनिता रावत हैं। विद्यालय में प्रथम आने पर इसकी सूचना देते हुए अपनी माताजी को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए और धन्यवाद दीजिए कि आपके साथ वे भी रातों में जागती रहीं, इसलिए यह संभव हुआ ।
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मनीष
62-63, गुरूकुल विद्यालय,
लाजपत नगर,
दिल्ली ।
दिनांक 15 जून, 20xx
पूज्य माता जी.
सादर चरण-स्पर्श!
आपको जानकर खुशी होगी कि आपकी मेहनत रंग लाई है। आपका बेटा मनीष पूरी कक्षा में प्रथम आया है। जब प्राचार्य महोदय ने प्रार्थना सभा में मेरा नाम घोषित किया तो मैं गर्व और प्रसन्नता से भर गया।
माता जी! उस समय मैंने आपको याद किया। यह आपकी तपस्या का ही फल था जिसका स्वाद में चख रहा हूँ । यदि आप रात-रात भर मेरे साथ न जागती रहतीं, तो मैं आलसी कब का सो गया होता और मुझे यह सफलता कदापि न मिलती । इसलिए इस सफलता का पहला अधिकार आपका है आपको इस सफलता पर बधाई।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि छात्रावास में रहते हुए मैं आपकी दी हुई सीख को कभी नहीं भूलूँगा। रात को जब नींद आएगी तो आपको याद करूँगा और नित्य परिश्रम करूँगा ।
अपना आशीष इसी प्रकार देती रहें।
अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें पिताजी को मेरी ओर से प्रणाम कहें।
आपका पुत्र
मनीष
16. आप अपने आपको डॉ. पूजा शर्मा मानते हुए महिला चिकित्सालय में महिला चिकित्सक (प्रसूति विशेषज्ञ) के पद हेतु आवेदन करने के लिए एक स्ववृत्त लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए ।
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स्ववृत्त
नाम : डॉ. पूजा शर्मा
पिता का नाम : डॉ. विकास शर्मा
माता का नाम : श्रीमती सुमन शर्मा
जन्म तिथि :31 दिसम्बर, 1989
वर्तमान पता :ए 41 मैजर शैतान सिंह कॉलोनी, शास्त्री नगर, जयपुर
स्थायी पता :ए 41 मैजर शैतान सिंह कॉलोनी, शास्त्री नगर, जयपुर
मोबाइल नंबर : 8733XXXXXX
ई-मेल : pooja9511@gmail.com
अथवा
वन महोत्सव के अवसर पर आप पौधारोपण करना चाहते हैं। नगर के उद्यान अधिकारी को लगभग 80 शब्दों में एक ईमेल लिखकर पौधों की व्यवस्था करने के लिए आग्रह कीजिए ।
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17. इस बरसात में आपने कुछ पौध तैयार की हैं। जिन्हें आप निःशुल्क वितरित करना चाहते हैं। सोसायटी सचिव की तरफ से लगभग 40 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए ।
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अथवा
आपका मित्र ओजस्वी पहली बार एक नाट्य प्रस्तुति में भाग ले रहा है। उसके लिए लगभग 40 शब्दों में एक शुभकामना संदेश लिखिए।
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